खामोशिओ के इस सागर को बह जाने दे , मन की आवाज़ को वहाँ तक पहुँचाने दे , रंग बेरंगी है ये दुनिया , इसके रंग में ही ढ़ल जाने दे ! पानी की इस महक में थोड़ा खो जाने दे , सागर की रफ्तार के साथ इस जिंदगी को ढ़ल जाने दे , सूरज की उस चौंध में हीरों को पेहचाने दे , सितारों की गिनती की तरह खुशिओं को बढ़ाने दे ! थमती हवा के साथ उन लेहरो को भी ठहरने दे , इन लम्हों को खुलकर जीने दे , बीती लेहरो की तरह समय भी वापस नहीं आएगा , इस समय की असली परख कर जाने दे ! माना ये सफर बहुत लम्बा है , माना ये सफर बहुत सुहाना है , पर इसकी अहमियत को भी समझने दे और समझाने दे ! - रिया khamoshio ke iss sagar ko beh jane de, man ki awaaz ko vhan tak phuchane de, rang berangi hai yeh duniya, iske rang mein hi dhal jane de..! pani ki is mehak mein thoda kho jane de, sagar ki raftar ke sath is jindagi ko dhal jane de, suraj ki us chaundh mei heere ko pehch...